अधिकारियों की बड़ी लापरवाही: खान नदी का स्टॉप डैम टूटने से शिप्रा में मिला लाखों गैलन गंदा पानी, फिर हुई मैली

उज्जैन। महाकाल की शिप्रा एक बार फिर पूरी तरह मैली हो गई। मध्य प्रदेश के उज्जैन में अधिकारियों की लापरवाही से लाखों गैलन गंदा पानी उसमें दोबारा मिल गया। जबकि, कुछ दिनों पहले ही नर्मदा का साफ पानी भी शिप्रा में छोड़ा गया था। इस तरह ये पूरी मेहनत बर्बाद हो गई।
दरअसल, जिस बात का अंदेशा था वो ही हुआ। त्रिवेणी स्थित खान नदी पर बना स्टॉप डैम देर रात अचानक फूट गया। बता दें, इंदौर से उज्जैन की ओर आ रही खान नदी में साल भर गंदा पानी भरा रहता है। इस गंदे पानी को शिप्रा नदी में मिलने से बचाने के लिए शिप्रा नदी और खान नदी के संगम पर लाखों रुपए खर्च कर मिट्टी से स्टॉप डैम को बनाया था। कई दिनों से पानी के भराव के चलते अंदेशा लगाया जा रहा था कि ये डैम कभी भी फूट सकता है। लेकिन, अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और अब लाखों गैलन गन्दा पानी शिप्रा नदी में मिल गया।
एक साल पहने बनाया गया था स्टॉप डेम
गौरतलब है कि लगातर शिकायत के बाद भी अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और डैम फूटने से लाखों गैलन गंदा पानी शिप्रा के साफ पानी में जा मिला। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में गंदे पानी को मिलने से रोकने के लिए करीब एक साल पहले इस स्टाप डैम को बनाया गया था। इसके बाद जब इसके फूटने की आशंका हुई तो इसी साल जनवरी में मरम्मत कराई गई। लेकिन मात्र दो माह बाद ही ये डेम फूट गया।
शिप्रा में छोड़ा गया था साफ पानी, पूरी मेहनत बेकार
स्टाप डेम फूटने के साथ ही दूषित पानी आगे बहने लगा और देखते ही देखते शिप्रा नदी में जा मिला। पानी उज्जैन शहर की ओर न बढ़ते हुए उलटी दिशा में बहाने लगा। देर रात से बह रहा पानी अब तक 5 किमी तक आगे हरियाखेड़ी गांव तक पंहुच गया है। इस बीच आपको बता दें, कि 13 मार्च को शनिचरी अमावस्या पर होने वाले स्नान के लिए नर्मदा से बड़ी मात्रा में साफ पानी शिप्रा नदी में छोड़ा गया था। लेकिन अब वो सब बेकार हो गया और त्रिवेणी पर रुका साफ पानी गंदा हो गया।