भोपाल। तमाम अटकलों के बीच मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव के नाम ऐलान हो गया है। आईएएस अनुराग जैन मप्र के नए सीएस होंगे। हालांकि अभी तक आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन मप्र के नए सीएस के लिए उनका नाम लगभग फाइनल हो गया है। अनुराग जैन 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह वीरा राणा की जगह लेंगे। बता दें कि अनुराग जैन के साथ राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान और जेएन कंसोटिया के नाम भी मुख्य सचिव के लिए चर्चा में थे। यहीं राजेश राजौरा का सीएस बनना लगभग तय भी हो गया था। लेकिन अनुराग जैन बाजी मार ले गए। वे अगस्त 2025 तक सीएस के पद पर रहेंगे।
जैन की नियुक्ति का आधार उनका अनुभव और सीनियरटी है। हालांकि वे सीएम डॉ मोहन यादव की पसंद भी हैं। हालांकि, केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे अनुराग जैन का नाम लंबे अरसे से मुख्य सचिव पद के लिए लिया जा रहा है। 2020 से वे नई दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में तैनात हैं। 2022 में भी माना जा रहा था कि इकबाल सिंह बैंस के रिटायरमेंट के बाद उन्हें मुख्य सचिव बनाया जा रहा है। वरिष्ठता क्रम में भी वे ऊपर ही थे। हालांकि, केंद्र सरकार ने उन्हें मध्य प्रदेश भेजने से इनकार कर दिया था और वीरा राणा को मुख्य सचिव की कुर्सी पर बिठाया गया था। नौ महीने पहले भी जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली के एमपी भवन में अनुराग जैन से मुलाकात की थी तो उनके मध्य प्रदेश लौटने की अटकलें लगी थीं। माना जा रहा था कि वे जल्द ही एमपी लौट सकते हैं।
सीएम सचिवालय में ही बने रहेंगे राजौरा
वहीं सीएस बनने की रेस में शामिल 1990 बैच के आईएएस अफसर राजेश राजौरा फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में बने रहेंगे। मुख्य सचिव पर उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव भी चाहते थे कि एसीएस राजौरा को ही मुख्य सचिव बनाया जाए। हालांकि, दिल्ली से उनका प्रस्ताव खारिज हो गया और अनुराग जैन को होम कैडर में भेजने की व्यवस्था की गई। अनुराग जैन को केंद्र सरकार के तेजतर्रार सचिवों में एक माना जाता है। उन्होंने दस साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त सचिव के तौर पर भी सेवाएं दी हैं।
पीएम जन धन योजना को बनाने और लागू करने में राजौरा का रहा है योगदान
उस समय वे सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, कृषि, खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, रसायन एवं उर्वरक, श्रम और कौशल विकास मंत्रालयों से समन्वय देख रहे थे। वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के तौर पर प्रधानमंत्री जन धन योजना को बनाया और लागू किया। इसके अलावा मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के सचिव रहते हुए उन्होंने पब्लिक सर्विस डिलीवरी गारंटी एक्ट लागू किया था, जिसे बाद में अन्य राज्यों में भी लागू किया गया। मध्य प्रदेश में ही सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव के तौर पर उन्होंने राज्यों की ई-रेडीनेस रिपोर्ट में प्रदेश की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार किया था। एक जबरदस्त प्रशासनिक अफसर होने के साथ ही वे एक खिलाड़ी भी हैं। टेनिस, क्रिकेट और टेबल टेनिस खेलने का भी शौक है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक है अनुराग जैन
मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर उल्लेखित वरिष्ठता क्रम में वीरा राणा के बाद अनुराग जैन का ही नाम है। वह फिलहाल केंद्र में सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय में सचिव के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। अनुराग जैन ने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक (आॅनर्स) किया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी आॅफ सिरैक्यूज से 2005 में एमए (लोक प्रशासन) की डिग्री हासिल की है। वह 24 अप्रैल 2020 से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे थे।
2018 में आए थे मध्य प्रदेश
अनुराग जैन ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी काम किया है। वह दो बार उनके सचिव रहे हैं। भोपाल कलेक्टर रहने के साथ ही कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को उन्होंने संभाला है। 2018 में मध्य प्रदेश लौटने पर शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। वे कमलाथ की सरकार में भी वित्त विभाग संभाल रहे थे। अप्रैल 2020 में वे फिर दिल्ली लौट गए। अनुराग जैन ने 2014 में कुछ समय भारतीय निर्यात-आयात बैंक की जिम्मेदारी भी संभाली थी।