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मोदी के शासन के 20 साल पर बोले शाह- पीएम के सार्वजनिक जीवन के हो सकते हैं तीन हिस्से

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के शासन के 20 साल पूरे होने पर देश के गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने आज सरकारी न्यूज चैनल संसद टीवी को अपना एक साक्षात्कार (Interview) दिया। शाह ने कहा कि पीएम मोदी के सार्वजनिक जीवन के तीन हिस्से (three parts of public life) किए जा सकते हैं। पहला कालखंड भाजपा में आने के बाद संगठनात्मक काम का था। दूसरा कालखंड उनके गुजरात के मुख्यमंत्री काल का था और तीसरा राष्ट्रीय राजनीति में आकर वो प्रधानमंत्री बने। इन तीन हिस्सों में उनके सार्वजनिक जीवन को बांधा जा सकता है।’

साथ ही शाह ने कहा कि जब मोदी गुजरात के सीएम बने थे तो भाजपा की हालात खराब थी, लेकिन उन्होंने ही खड़ा किया। अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के ये तीनों कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहे। जब पीएम को BJP में भेजा गया, वो संगठन मंत्री बनें तो उस समय भाजपा की स्थिति सही नहीं थी। गुजरात कोई पहले से भाजपा के अनुकूल राज्य नहीं था। गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने धैर्यपूर्ण तरीके से प्रशासन की बारीकियों को समझा और विशेषज्ञों को प्रशासन के साथ जोड़ा उनकी चीजों को योजनाओं में तब्दील किया और उन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया।

गुजरात में बीजेपी को मोदी ने खड़ा किया: शाह
उन्होंने कहा, ‘जब उनको (PM Modi) बीजेपी में भेजा गया, संगठन मंत्री बनाया गया, उस वक्त बीजेपी की स्थिति गुजरात में खस्ताहाल थी और देश में दो सीटें आई थीं, तब वो संगठन मंत्री बने और 1987 से उन्होंने संगठन को संभाला। 1987 के बाद सबसे पहला चुनाव आया अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉपोर्रेशन का। पहली बार बीजेपी अपने बूते पर कॉर्पोरेशन में सत्ता में आई। उसके बाद बीजेपी की यात्रा शुरू हुई। 1990 में हम हिस्सेदारी में सरकार में आए। 1995 में पूर्ण बहुमत में आए और वहां से बीजेपी ने आजतक पीछे मुड़कर नहीं देखा है।’

पीएम मोदी जोखिम लेकर फैसले करते हैं ये बात सही है। उनका मानना है और कई बार उन्होंने कहा भी है कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आए हैं केवल सरकार चलाने के लिए नहीं। हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है।शाह ने कहा कि 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है। पीएम मोदी के नहीं डरने का कारण यह है कि सत्ता में बने रहना उनका लक्ष्य नहीं है, एकमात्र लक्ष्य ‘राष्ट्र प्रथम’ को लेकर वो चलते हैं। पीएम मोदी ने देश की ढेर सारी समस्याओं को पारंपरिक सोच के अलग होकर हल किया, यही तो रिफॉर्म हैं।





उन्होंने कहा, ‘यूपीए की सरकार (UPA government) में हर क्षेत्र में देश नीचे की ओर जा रहा था, दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था, नीतिगत फैसले महीनों तक सरकार की आंतरिक कलह में उलझते रहते थे, एक मंत्री महोदय तो 5 साल तक कैबिनेट में नहीं आए. ऐसे माहौल में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला, आज सारी व्यवस्थाएं अपनी जगह पर सही हो रही हैं। ‘ उन्होंने कहा, ‘मोदी जी जोखिम लेकर फैसले करते हैं ये बात सही है. हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है. 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है।’

शाह ने कहा, ‘दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण देश की सुरक्षा भी चाक-चौबंद हुई। कभी कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि भारत एयर स्ट्राइक (air strike) या सर्जिकल स्ट्राइक (surgical strike) कर सकता है। कभी नहीं सोच सकता था कि कोई प्रधानमंत्री कहेगा कि भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की क्षमता है। हम 11 नंबर से 6वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन तीनों चैलेंज का सामना किया है और ये उनकी लीडरशिप की बहुत बड़ी क्वालिटी है।

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