अभियान के तौर पर तीन दिनों तक होगी गणना: उड़ते हुए गिद्धों को छोड़कर बैठे वल्चरों की होगी गिनती
रीवा। वन विभाग तीन दिनों तक रीवा जिले के वन क्षेत्रों में गिद्धों की गणना शुरू करने जा रहा है। इसके लिए मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद बैठे हुए गिद्धों की संख्या को काउंट किया जाएगा। जबकि उड़ते हुए वल्चर की गिनती वन अमला नहीं करेगा। यही नहीं गिद्धों के आवास एवं प्रत्येक स्थल पर गिनती करने के बाद वन विभाग की टीम फोटो भी अपलोड करेगी। इसका अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा जबकि विगत वर्ष पांच चरण में वल्चर की गिनती की गई थी।
रीवा जिले में 2021 की गणना के अनुसार 345 से अधिक वल्चर मौजूद हैं। माना जा रहा है कि जटायु संरक्षण अभियान के बाद इनकी संख्या में और अधिक वृद्धि हो सकती है। जानकारी के मुताबिक वन विभाग की टीम वास्तविक गिद्ध गणना का कार्य सूर्योदय के पश्चात ही प्रारम्भ करेगी एवं पूर्वान्ह 8 बजे क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप अधिकतम 9 बजे तक के पूर्व पूर्ण करना होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि केवल बैठे हुए गिद्धों की संख्या का उल्लेख करना है। उड़ते हुए गिद्ध को नहीं गिना जाना है।
अभियान के तौर पर होगा काम
जानकारी अनुसार वास्तविक गिद्ध गणना एक अभियान रूप में की जाएगी। इसमें पूर्व में चिन्हित वॉलेन्टियर्स का भी सहयोग लिया जाएगा। इस गणना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। वॉलेन्टियर हेतु अलग से किसी भी प्रकार के पारिश्रामिक को भुगतान नहीं किया जाएगा। परन्तु दिन भर गणना कार्य में संलग्न वनकर्मियों एवं अन्य सहयोगी व्यक्तियों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की जा सकती है। गणना दिवस को वास्तविक गिद्ध गणना शीट में सावधानी से भरा जाएगा। जिसमें अंक्षाश एवं देशांतर का भी उल्लेख करना होगा। गणना के बाद उसका सारांश प्रपत्र में संकलित कर गणना के अंतिम दिवस से एक सप्ताह के भीतर कार्यालय संचालक, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल को भेजा जाना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं प्रपत्र गुगल फॉर्म में भरा जाकर वन विहार द्वारा उपलब्ध किया जाने वाले लिंक पर अपलोड भी करें।
एक गिद्ध का फोटो करना होगा अपलोड
बताया गया है कि गणना के आंकड़ों का गोशवारा ई-मेल द्वारा सम्बन्धित वनमण्डलों से प्राप्त कर कार्यालय संचालक, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल को वृत्तवार निम्न प्रपत्र में प्रत्येक दिवस अपरान्ह 12 बजे तक भेजा जा सकेगा। गिद्ध गणना के दिन सभी परिक्षेत्र अधिकारी सुबह 8 बजे तक परिक्षेत्र के समस्त गिद्ध आवासों का भ्रमण करेगें एवं प्रत्येक स्थल पर कम से कम निम्न फोटो खीचेगें । पूरे आवास स्थल के फोटोग्राफ, जिसमें गिद्ध बैठे हुए दिखाई दे रहे हों। स्थल पर कितने प्रजाति के गिद्ध हैं उनमें से प्रत्येक प्रजाति के एक गिद्ध का क्लोज-अप फोटोग्राफ।
अधिकारियों को करना होगा भ्रमण
आदेश में कहा गया है कि सभी स्थलों के कम से कम 2 फोटोग्राफ गणना के दिन या दूसरे दिन ई-मेल से वनमण्डल कार्यालय, संरक्षित क्षेत्र मुख्यालय वन वृत्त कार्यालय से संचालक, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल कार्यालय को भेजेगें। फोटोग्राफ भेजते समय उसमें दिनांक व परिक्षेत्र एवं कक्ष क्रमांक का भी उल्लेख करेगें। अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी भी गणना के दिन सुबह से भ्रमण पर रहेगें व गणना कार्य का अनुश्रवण करेगें एवं गिद्धों के फोटोग्राफ खीचेंगें। खीचें गए फोटोग्राफ संचालक, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल को ई-मेल पर भेजेगें। निर्देश में कहा गया है कि सभी गणना अधिकारियों के पास जीपीएस उपलब्ध हों। साथ ही सभी सम्बन्धित अधिकारियों के पास अच्छे कैमरे उपलब्ध हों जिससे कि गिद्धों की उच्च गुणवत्ता की छायाचित्र प्राप्त हो सकें।
दो चरणों में पूरी होगी गणना
प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना 2023-24 हेतु एक दिवसीय शिक्षण कार्यशाला का आयोजन 10 अक्टूबर 2023 को किया गया था। उक्त कार्यशाला में गिद्ध गणना का कार्य पांच चरणों में किये जाने हेतु निर्णय लिया गया था। वर्तमान में हुयी चर्चानुसार गिद्ध गणना का कार्य दो चरणों (फरवरी 2024 एवं अप्रैल 2024) में कराया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण की गणना 16, 17 एवं 18 फरवरी से शुरू की जाएगी।